कोविड का असर क्रिकेट पर भी पड़ रहा है। पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों की सैलरी कट हुई और अब इंग्लैंड के खिलाड़ी अपनी सैलरी में 15 फीसदी कटौती के लिए तैयार हैं। इसका असर अब भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों पर भी पड़ सकता है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई में इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि सैलरी कट का क्या मॉडल होना चाहिए।
भारत की बात करें तो अभी तक डोमेस्टिक क्रिकेट का भी कैलेंडर नहीं आया है। एक जनवरी से घरेलू क्रिकेट शुरू करने की बात की गई है। बिना दर्शकों के आईपीएल होने से भी टिकट से होने वाला रेवेन्यू खत्म हो गया है। हर टीम को स्टेडियम में दर्शक ना होने से 15-20 करोड़ रुपए घाटा हो रहा है। मर्चेन्डाइज से आय भी नहीं है।
1. खर्च बढ़ रहा है, कमाई घट रही है
कोरोना के कारण इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को 950 करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है। बायो सेक्योर मैदानों का इंतजाम, खिलाड़ियों की चार्टर्ड फ्लाइट, टीमों के क्वारेंटाइन की व्यवस्था आदि में बोर्ड का खर्च बढ़ गया है। टिकट से कमाई घटने के साथ-साथ राष्ट्रीय टीमों के स्पॉन्सर भी कम हुए हैं।
2. घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों पर असर
कोविड के कारण घरेलू क्रिकेट बंद है। हालांकि बीसीसीआई जनवरी में कुछ बदलाव के साथ रणजी कराने की तैयारी में है। लेकिन 38 टीमों का चार दिन का मैच खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। दूसरे घरेलू मैच या टूर्नामेंट न होने से नए और अनुभवहीन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
3. उम्रदराज खिलाड़ियों के लिए मौके भी घटेंगे
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण बड़ी संख्या में खिलाड़ियों के कॅरिअर खराब हो गए थे। इस बार टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप आगे बढ़ गया है। मौजूदा चैंपियन वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल 41 साल से ज्यादा की उम्र के हैं। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो उम्र के कारण अगले साल तक अनफिट हो सकते हैं।
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