वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप ने मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की तुलना वेस्टइंडीज के बीते दौर की खतरनाक चौकड़ी से की। उन्होंने कहा कि विदेशों में मैच जीतने की इच्छा के कारण भारत लगातार खतरनाक तेज गेंदबाज तैयार कर रहा है।
विंडीज के लेजेंड बिशप ने क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज के एक कार्यक्रम में भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में यह बदलाव जहीर खान, आरपी सिंह, मुनाफ पटेल से शुरु हुआ था। यह कपिल देव और जवागल श्रीनाथ के नक्शेकदम पर चले।
‘यह भारत की सबसे बेहतरीन पीढ़ी’
बिशप ने कहा, ‘‘यह भारतीय तेज गेंदबाजी की संभवत: सबसे बेहतरीन पीढ़ी है और यह कुछ समय पहले शुरू हुआ है। हम जहीर (खान), आरपी सिंह, मुनाफ पटेल और उस दौर के कुछ गेंदबाजों से शुरुआत मान सकते हैं, जो कपिल देव के नक्शेकदम पर चलने वाले श्रीनाथ के बाद आए। यह देखना सुखद है।’’
आज भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह की अगुआई में खतरनाक गेंदबाजों की फौज है। मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा और उमेश यादव आक्रमण में तरह-तरह के प्रयोग करते हैं।
विदेशों में मैच जीतने के लिए पेसर्स जरूरी
बिशप ने कहा, ‘‘बाहर से देखें तो भारत समझ गया था कि बल्लेबाज अच्छे हैं, लेकिन अगर विदेशों में मैच जीतने हैं तो एमआरएफ पेस फाउंडेशन और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी से भी खिलाड़ी लेने होंगे। तेज गेंदबाजों को बढ़ावा देने के लिए सपाट और टर्निंग पिचें बनाने के बजाए उनके अनुकूल पिचें बनानी होंगी।’’
तेज गेंदबाजों को आक्रामकता सिखाई नहीं जा सकती: कर्टली एंब्रोस
वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज कर्टली एंब्रोस का मानना है कि तेज गेंदबाजों को आक्रामकता सिखाई नहीं जा सकती। ये नेचुरली होनी चाहिए। एंब्रोस ने बताया कि वे नेचुरली आक्रामक थे और एंडी रॉबर्ट्स ने भी मदद की।
उन्होंने कहा, ‘रॉबर्ट्स मुझे हमेशा आक्रामक रहने को कहते थे। उनके जैसे बड़े खिलाड़ी द्वारा कही गई बात मेरे दिमाग में बस गई।’ एंब्रोस ने 98 टेस्ट में 405 विकेट लिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर गेंदबाज के अंदर आक्रामकता नहीं होगी तो कुछ नहीं हो सकता।
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