खेल डेस्क. महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने शुरुआती दोनों मैच जीते हैं। अब तीसरा मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ 27 फरवरी को खेला जाएगा। टीम इंडिया यह मैच जीतती है, तो सेमीफाइनल में उसकी जगह पक्की हो जाएगी। पहले दो मैच में ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के खिलाफ पूनम यादव ने सबसे ज्यादा 7 विकेट लिए। वहीं, विकेटकीपर तानिया भाटिया ने सबसे ज्यादा 7 शिकार किए हैं। ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने भी अच्छा खेल दिखाया है।
पिता-भाई भी विकेटकीपर, पर इंटरनेशनल में तानिया को मौका
टीम की विकेटकीपर तानिया भाटिया ने दो मैच में सबसे ज्यादा 7 शिकार किए हैं। विकेट के पीछे वे बेस्ट इसलिए हैं क्योंकि विकेटकीपिंग उन्हें विरासत में मिली है। 22 साल की तानिया के पिता और चाचा दोनों ही विकेटकीपिंग करते थे। उनके छोटे भाई सहज भी क्रिकेट खेल रहे हैं और वे भी विकेटकीपर हैं। लेकिन सिर्फ तानिया को इंटरनेशनल लेवल पर खेलने का मौका मिला। तानिया को सबसे ज्यादा सपोर्ट मां सपना भाटिया से मिला। उन्हें 11 साल की उम्र में पंजाब की अंडर-19 टीम में जगह मिल गई।
तानिया की मां ने बताया उसने पहले योगराज सर से ट्रेनिंग ली और बाद में उसे आरपी सिंह सर ने तैयार किया। शुरुआत में वह तेज गेंदबाजी करती थी, लेकिन बाद में उसने कीपिंग को चुना। सपना भाटिया ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के साथ मैच से पहले वो काफी दबाव में थी। मैंने उसे शांत किया और उसे स्ट्रेंथ के साथ खेलने को कहा। अंत में उन्होंने शानदार खेल दिखाया। वहीं कोच आरपी सिंह ने कहा एकेडमी में वे एकमात्र लड़की थी, जिसे लड़कों के साथ ट्रेनिंग करानी पड़ती थी। इसका उसे फायदा मिला। अंडर-19 टीम से खेलने के बाद 16 साल की उम्र में उसने पंजाब की सीनियर टीम से खेला।
दीप्ति टी-20 में 49 विकेट ले चुकीं
दीप्ति शर्मा ने वर्ल्ड कप के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 49* रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। बतौर ऑफ स्पिनर उन्होंने कसी गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में सिर्फ 17 रन दिए। तीन ओवर तो उन्होंने पावरप्ले में फेंके। 22 साल की इस खिलाड़ी ने करिअर की शुरुआत तेज गेंदबाज के तौर पर की थी। बाद में वे ऑफ स्पिनर बनीं। बाएं हाथ की इस खिलाड़ी ने 2017 में वनडे में पूनम राउत के साथ पहले विकेट के लिए 320 रन की रिकॉर्ड साझेदार की थी। 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल करिअर की शुरुआत करने वाली दीप्ति 54 वनडे में 38 की औसत से 1417 रन बना चुकी हैं और 64 विकेट भी लिए हैं।
वहीं टी20 में उन्होंने 45 मैच में 17 की औसत से 367 रन बनाए हैं और 49 विकेट झटके हैं। वे यदि एक विकेट अौर ले लेती हैं तो टी20 में 50 विकेट लेने वाली देश की चौथी गेंदबाज बन जाएंगी। उनके भाई सुमित शर्मा भी क्रिकेटर रह चुके हैं। वे बताते हैं कि दीप्ति मेहनती खिलाड़ी है और कभी हार नहीं मानती। पिछले 10 सालों से हम लगातार मेहनत कर रहे हैं। हम एक दिन में 8-9 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। अब तक टूर्नामेंट में दीप्ति ने शानदार खेल दिखाया है। उम्मीद है कि वह अपना अच्छा खेल आगे भी बरकरार रखेगी।
फ्रैक्चर के कारण पूनम के खेलने पर संशय था
लेग स्पिनर पूनम यादव भले ही वर्ल्ड कप में 7 विकेट लेकर टॉप पर चल रही हैं। लेकिन पिछले दो महीने उनके लिए चैलेंजिंग रहे हैं। 26 दिसंबर को प्री टूर्नामेंट कैंप के दौरान उनके दाएं हाथ की अंगुली फ्रैक्चर हो गई। इसके बाद उनके वर्ल्ड कप में खेलने को लेकर संशय था। वे टी20 चैलेंजर ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया में हुई ट्राई सीरीज में नहीं खेल सकीं। 40 दिनों तक गेंदबाजी नहीं कर सकीं। रिहैब के दौरान 28 साल की पूनम ने नॉन बॉलिंग आर्म से गेंदबाजी की प्रैक्टिस की। इसके बाद भी कोच डब्ल्यूवी रमन और बॉलिंग कोच नरेंद्र हिरवानी को पूनम पर पूरा भरोसा था।
18 फरवरी को उन्हें प्रैक्टिस मैच में विंडीज के खिलाफ खेलने का मौका मिला। पूनम ने शानदार गेंदबाजी की और तीन विकेट लिए। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि मैं कभी भी गेंदबाजी कर सकती हूं। कोच रमन सर ने मुझे मानसिक तौर पर तैयार रहने को कहा था। लेकिन मुझे फिजिकल तौर पर भी तैयार होना था। उप्र के आगरा की रहने वाली पूनम के पिता आर्मी में रह चुके हैं। वे नहीं चाहते थे कि पूनम क्रिकेट खेलें। बॉलिंग कोच हिरवानी के बारे में पूनम ने कहा कि उन्होंने बाउंस को लेकर काफी समझाया। एक गेंदबाज के तौर पर सही एरिया में गेंदबाजी करना महत्वपूर्ण होता है। पूनम ने 64 टी20 में 92 जबकि 46 वनडे में 72 विकेट लिए हैं। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने पूनम के बारे में कहा कि उन्हें खेलना कभी आसान नहीं होता। वे काफी धीमी गति से गेंदबाजी करती हैं। यदि अाप उन पर शॉट लगाते हैं तो भी वे संयमित रहती हैं। वे टी20 की बेस्ट गेंदबाज हैं।
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