Saturday, September 28, 2019

हृदय से जुड़े वो सवाल जिनके जवाब जानना जरूरी है ताकि खुद स्वस्थ रहें और दूसरों को भी रख सकें

अजय दुबे (हेल्थ डेस्क). अक्सर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में फर्क नहीं कर पाते। मरीज को दूसरा जीवन देने वाली सीपीआर तकनीक को नहीं जानते। कैसे समझें कि हृदय स्वस्थ है या नहीं, ऐसे तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं एक्सपर्ट।

''
  1. हार्ट अटैक से बहुत अलग और घातक है कार्डिएक अरेस्ट। अधिकांश लोग दोनों को एक ही मानते हैं, लेकिन इनमें अंतर है। जब दिल की धड़कन रुक जाती है और वह शरीर के बाकी हिस्सों को रक्त की आपूर्ति नहीं कर पाता है तो उस स्थिति को कार्डिएक अरेस्ट कहा जाता है।

    • क्या होता है? : मिनटों में ही व्यक्ति बेहोश हो जाता है। अगर तुरंत इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत तय होती है।
    • क्या है वजह? : यह किसी को भी कभी भी हो सकता है। वैसे हार्ट अटैक भी इसका एक कारण हो सकता है। इसके अलावा दिल की मांसपेशियों के कमज़ोर होने (कार्डियोमायोपैथी) से भी ये हो सकता है।
    • क्या है इलाज? : तुरंत CPR शुरू करके अस्पताल पहुंचाया जाना चाहिए। बचने की संभावना तत्काल शुरू किए गए CPR पर निर्भर करती है। इसलिए सभी सामान्य व्यक्तियों को CPR का प्रशिक्षण लेना ही चाहिए।
  2. जब दिल तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में कोई बाधा आती है, तब हार्ट अटैक होता है। धमनियों में एकाएक क्लाट जमने से 100% अवरुद्ध होने से हार्ट अटैक होता है।
    क्या होता है? : सीने में दर्द या सीने का भारी होना। इसका सबसे सामान्य लक्षण है। इसके अलावा सांस फूलना, पसीना आना, उल्टी होना अन्य लक्षण हैं। ये लक्षण तुरंत या कुछ घंटों बाद भी सामने आते हैं।
    क्या है वजह? : खराब जीवनशैली इसकी सबसे बड़ी वजह है। खान-पान में अनियमितता, कम सक्रिय रहना और कम नींद लेने जैसे कई कारण इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
    क्या है इलाज? : तुरंत स्प्रिन की दो गोलियां दी जाएं। इसके बाद ECG के माध्यम से डायग्नोसिस किया जाता है। बंद धमनियों को दवा से खोला जाता है। जरूरत पड़ने पर स्टेंट का उपयोग।

  3. यह जीवन रक्षक तकनीक है। इसमें मरीज के सीने के बायीं ओर एक हथेली पर दूसरी हथेली रखकर प्रेशर दिया जाता है (लगभग 100 प्रति मिनट)। इसके अलावा मरीज की नाक बंद कर मुंह से भी सांस दी जाती है।

  4. हमारा दिल तंदुरुस्त है या नहीं, क्या हम खुद भी जांच सकते हैं? दिल को तंदुरुस्त रखने में धड़कनों की भी भूमिका होती है। इसको जांचने के लिए डॉ. सुब्रतो मण्डल कार्डियोलॉजिस्ट, भोपाल बता रहे हैं एक वैज्ञानिक फॉर्मूला-
    पहला चरण : पहले आराम से 5 मिनट बैठें। अब अपने दाएं हाथ से बाएं हाथ की कलाई को पकड़ें और कलाई पर धड़कन को महसूस करें। धड़कन की स्टॉप वॉच से एक मिनट तक गिनती करें। अगर धड़कन 60-100 के बीच है तो मतलब आपका दिल स्वस्थ है। लेकिन इतना काफी नहीं है। दूसरे चरण में आगे की जांच करें।
    दूसरा चरण : पहले चरण के अनुसार अपनी धड़कन जांचें और इसे पेपर पर लिख लें। इसके बाद 45 सेकंड तक उठक-बैठक करें। इसके तुरंत बाद खड़े-खड़े ही अपनी धड़कन जांचें। इसे भी पेपर पर लिखें। अब कहीं बैठ जाएं और एक मिनट के बाद फिर से धड़कन की गिनती करें और पेपर पर लिखें। तीनों नंबर जोड़ें और इसमें से 200 घटाएं। प्राप्तांक में 10 से भाग दें।

    इसे राजेश के उदाहरण से समझते हैं
    राजेश ने पहली जांच की जिसमें धड़कन आई 72
    दूसरी जांच में 112
    तीसरी जांच में 80 आई
    यानी
    72 + 112 + 80 = 264
    अब इसमें से 200 घटाएं
    264 - 200 = 64
    फिर इसमें 10 से भाग दें
    64 / 10 = 6.4
    नतीजा : राजेश का दिल ठीक है। हालांकि उसे जीवनशैली को मेंटेन करने की जरूरत है।


    परिणाम

    • यदि परिणाम 1 से 5 के बीच आता है तो दिल पूरी तरह स्वस्थ है।
    • यदि परिणाम 5 से 10 के बीच आता है तो आपका दिल ठीक है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।
    • यदि परिणाम 10 से ज्यादा आता है, तो यह चिंता का विषय है और डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए।
  5. यदि आपको हृदय संबंधी कोई समस्या नहीं भी है, तब भी कुछ टेस्ट ऐसे हैं, जो समय-समय पर आपको करवाने चाहिए। यह भविष्य में होने वाली किसी अप्रिय स्थिति से प्रति आगाह करेंगे।

    उम्र : 20 से 30
    1. ब्लड प्रेशर
    2. कोलेस्ट्रॉल
    3. लिपिड प्रोफाइल
    4. डायबिटीज
    ये जांचें2-3 साल के अंतर से करवाएं।



    उम्र 30 से 40
    1. ईको
    2. टीएमटी
    3. 20 से 30 आयु वर्ग में कराई गईं सभी जांचें जैसे बीपी, कोलेस्ट्रॉल, लिपिड प्रोफाइल, डायबिटीज।



    उम्र 40 से 50
    1. कोरिनरी सीटी एंजियोग्राफी
    2. 20 से 40 आयु वर्ग में कराई गईं सभी प्रकार की जाचें जैसे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, लिपिड प्रोफाइल, डायबिटीज, ईको, टीएमटी।



    उम्र 50 से 60
    20 से 50 साल में कराई गईं सभी जांचें जैसे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, लिपिड प्रोफाइल, डायबिटीज, ईको, टीएमटी और कोरिनरी सीटी एंजियोग्राफी बीच-बीच में डॉक्टर की सलाह पर करवाते रहें।

  6. दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के लक्षण हमेशा ही हमारे सामने होते हैं, लेकिन हम उन्हें किसी दूसरी बीमारी से जोड़कर देखने लगते हैं। ऐसे में सही समय पर इलाज नहीं शुरू हो पाता...

    1. यूरिन में झाग
    समझ लेते हैं :
    किडनी की बीमारी
    सच यह है - कई बार दिल से जुड़ी बीमारी होने पर भी पेशाब में कई हरकत होने लगती है। यूरिन में झाग बनने का इशारा कई बार हृदय की ओर भी होता है। यूरिन में प्रोटीन की ज्यादा मात्रा होने के कारण स्ट्रोक के चांस भी ज्यादा होते हैं।

    2. दांतों में दर्द
    समझ लेते हैं : ओरल इन्फेक्शन
    सच यह है - ओरल इन्फेक्शन के बैक्टीरिया हृदय रोगों का कारण भी होते हैं। जब दांत खराब होते हैं या मसूड़ों में सूजन होती है तो धमनियां सुकड़ जाती हैं। ये धमनियों में प्लाक बना देते हैं। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है।

    3. गर्दन या पीठ का दर्द
    समझ लेते हैं : सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइसिस
    सच यह है - कई बार यह भी दिल की बीमारी का संकेत होता है। इस तरह के दर्द को ‘रेडीएटिंग’ कहते हैं। लगातार बने रहने वाला यह दर्द अचानक उठता है। इसके लिए किसी चोट का या व्यायाम का जिम्मेदार होना जरूरी नहीं है।

    4. चक्कर और थकान
    समझ लेते हैं : कमजोरी या डीहाइड्रेशन
    सच यह है - इस तरह के लक्षण हृदयाघात के भी हो सकते हैं। इसमें खासतौर से बिना किसी मेहनत के भी थकान बनी रहती है। खासतौर से महिलाओं में दिल संबंधी समस्या होने पर थकान ज्यादा होती है।

    5. पैरों में सूजन
    समझ लेते हैं : किडनी में परेशानी
    सच यह है - अगर आपका दिल ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है, तो भी इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। शरीर में फैट जमा होने के चलते सूजन होती है। ऐसा होने पर अक्सर व्यक्ति को भूख नहीं लगती और बिना खाना खाए भी पेट बेहद भारी लगता है।

    6. खर्राटे
    समझ लेते हैं : साइनस की समस्या
    सच यह है - इसे ‘स्लीप एप्निया’ कहा जाता है। ऐसे वक्त में खर्राटों की आवाज सामान्य से अलग आने लगती है। ऐसा होने पर दिल पर स्ट्रेस ज्यादा पड़ता है और उसके कमजोर होने की संभावना बढ़ती जाती है।

    7. सांस लेने में परेशानी
    समझ लेते हैं : अस्थमा
    सच यह है - कई बार हृदयघात के दौरान लोगों को सीने में दबाव और दर्द की शिकायत नहीं की बजाय सांस उखड़ने लगती है। एक्सरसाइज या यौन संबंधों के दौरान भी सांस का जल्दी भरने लगता दिल से जुड़ी बीमारी के लक्षण होते हैं।

    8. बहुत पसीना
    समझ लेते हैं : हाइपरहाइड्रोसिस
    सच यह है - स्वैट ग्लैंड में गड़बड़ी, स्ट्रेस, हार्मोनल बदलाव, मसालेदार खाना, दवाओं का अत्यधिक सेवन, मौसम और मोटापा
    सच क्या है : अक्सर इसकी वजह स्वैट ग्लैंड में गड़बड़ी, स्ट्रेस, हार्मोनल बदलाव, मसालेदार खाना, अधिक दवाएं, मौसम और मोटापे को मान लिया जाता है। लेकिन ठंडे वातावरण में पसीना आना भी हृदयाघात का एक लक्षण है।

    9. सीने में दर्द
    समझ लेते हैं : एसिडिटी या गैस
    सच यह है - सीने में दर्द कई की वजह ‘ब्रेस्टब्रोन’ भी होता है। इसमें सीने के मध्य से बांई ओर दर्द बढ़ता है। ऐसे में पाचन‍ क्रिया में गड़बड़ी अथवा पेट में अक्सर दर्द का बने रहना भी होता है। यह सबसे पहले भूख पर असर करता है।

    • दुनियाभर में 1.79 करोड़ लोग हर वर्ष दिल से जुड़ी बीमारियों के चलते मारे जाते हैं। यह आंकड़ा दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों का 31 फीसदी है।
    • 70 वर्ष से पहले मरने वाले हर 3 में से एक व्यक्ति की मौत हृदय रोग के कारण होती है।
    • 80 फीसदी हृदय रोग संबंधी मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक के चलते होती है।
    • 1.1 वयस्क हैं विश्व में जिन्हें ब्लड प्रेशर की शिकायत है। इनमें से हर 5 में से एक व्यक्ति है, जिसने इसे कंट्रोल कर रखा है।
    • इसके 75 फीसदी शिकार विकासशील देशों के लोग हैं।
    • मां के तौर पर...वही पकाना और खिलाना जो हेल्दी हो।
    • पिता के तौर पर...बच्चों को शारीरिक तौर पर सक्रिय बनाना और आदर्श बनना ताकि वे धूम्रपान को न कहें।
    • चिकित्सक के तौर पर...लोगों को नशे की लत से दूर करना और कोलेस्ट्रॉल न बढ़ने देना।
    • मित्र के तौर पर...ऐसी पॉलिसीज के लिए प्रोत्साहित करना जो स्वस्थ्य दिल के लिए जरूरी है।
    • कर्मचारी और नियोक्ता के तौर पर...कार्यालय में साथी और कर्मियों को स्वस्थ्य और खुशनुमा माहौल दें।


      Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
      world heart day 2019 all you need to know about how to take care of heart


      from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2nDyq0R

No comments:

Post a Comment